हुस्न कातिल Husn Husn Qaatil Lyrics – Srishti Bhandari

Husn Husn Qaatil Lyrics in Hindi sung by Srishti Bhandari. Music recreated by Amjad Nadeem Aamir and written by Alaukik Rahi.

Husn Husn Qaatil Lyrics in Hindi

चाँदनी उतार आई महफ़िल में आज
मेरा ही जादू चलेगा आज

आज की है रात नशीली
थोड़ी सी मैंने भी पी ली
तन बदन में आग लगी है
हाँ जशन की बात चली है

मूड में तुम भी हो
मूड में हम भी हैं
खामखां मिसयूज़ ना कर लेना
आहा..

हुस्न हुस्न मेरा क़ातिल क़ातिल
मुफ़्त मुफ़्त में तू चख लेना
लुक्स लुक्स तारीफ-ए-क़ाबिल
अंग अंग संगमरमर सा

आज की है रात नशीली
थोड़ी सी मैंने भी पी ली

सारे ज़माने में मेरा ही जलवा है
आजा ना तू दोस्त तुम भी सोनिये
सबके डिमॅंड में मैं देसी छोड़ी हूँ
बाहों में भर अभी बलिए

कैसी हवा मेरी तरफ चली है
मेरी पतंग की डोर कटी है
लूट ले मुझको ढूँढ ले मुझको
आजा ना कहीं फिर देर न हो जाए
आहा..

हुस्न हुस्न मेरा क़ातिल क़ातिल
मुफ़्त मुफ़्त में तू चख लेना
लुक्स लुक्स तारीफ-ए-काबिल
अंग अंग संगमरमर सा

आज की है रात नशीली
थोड़ी सी मैंने भी पी ली
तन बदन में आग लगी है
हाँ जशन की बात चली है

मूड में तुम भी हो
मूड में हम भी हैं
खामखां मिसयूज़ ना कर लेना
आहा..

हुस्न हुस्न मेरा क़ातिल क़ातिल
मुफ़्त मुफ़्त में तू चख लेना
लुक्स लुक्स तारीफ-ए-क़ाबिल
अंग अंग संगमरमर सा

हुस्न हुस्न मेरा क़ातिल क़ातिल
मुफ़्त मुफ़्त में तू चख लेना
लुक्स लुक्स तारीफ-ए-क़ाबिल
अंग अंग संगमरमर सा

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